भोपाल-होशंगाबाद मार्ग पर डाक भवन की छठवीं मंजिल पर स्थित राष्ट्रीय दूर संचार संग्रहालय मुख्यत: भारत में दूरसंचार के उद्भव, इतिहास एवं विकास के विभिन्न चरणों को दर्शाता है। यह संग्रहालय वर्ष 1995 में प्रारंभ किया गया है तथा सन् 1850 से आज तक बने सभी टेलीफोन उपकरणों को यहाँ प्रदर्शित किया है और आश्चर्य की बात कि ये सभी उपकरण चालू स्थिति में है। यह संग्रहालय मुख्यत: इस क्षेत्र में शोध कार्य, विस्तृत अध्ययन के साथ मनोरंजन व ज्ञान के लिए सार्वजनिक रूप से खोला गया है। विभिन्न प्रकार के टेलीफोन उपकरणों के साथ साथ विभिन्न देशों द्वारा समय-समय पर प्रकाशित किये जाने वाली डाक टिकिट, प्रथम दिवस आवरण लिफाफे, सिक्के, जलियांवाला बाग की ईंटें तथा प्रसिध्द रणभूमि हल्दी घाटी का पत्थर भी यहाँ प्रदर्शित किया गया है।